उत्तर प्रदेश सरकार ने एक सकारात्मक प्रयास के तहत, विश्व जनसंख्या दिवस (डब्लू0पी0डी0) 11जुलाई, 2016 पर सिफ्सा, एन.एच.एम. और सभी प्रमुख स्वास्थ्य पार्टनर्स के साथ मिल कर एक साथ पूरे प्रदेश में बढ़ती आबादी की समस्याओं व मुद्दों पर जन जागरूकता लाने के लिए व्यापक अभियान जैसी गतिविधियाँ आयोजित कीं।
विश्व जनसंख्या दिवस, जैसा कि नाम से पता चलता है, वो दिन है, जो कि विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को जनसंख्या मुद्दों और स्वास्थ्य सम्बन्धित चुनौतियों से अपने नागरिकों में जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए मनाया जाता है। सन् 1987 से प्रारम्भ हुए विश्व जनसंख्या दिवस ने सरकारों, संयुक्त राष्ट्र (यू0एन0), विभिन्न विकास संगठनों, नागरिक समाज निकायों और आम जनता के लिए दुनिया भर में समर्थन प्राप्त करने के साथ काफी लोकप्रियता प्राप्त की है। विश्व के सात अरब से अधिक जनसंख्या के वैश्विक नागरिकों के स्वस्थ जीवन के लिए छोटे परिवार के महत्व का एहसास कराना बहुत महत्वपूर्ण है।
संयुक्त राष्ट्र के नवीनतम अनुमान के आधार पर, भारत की वर्तमान जनसंख्या 132 करोड़ से अधिक है, जो दुनिया की कुल जनसंख्या का लगभग 17 प्रतिशत है। जबकि भारत की जनसंख्या वैश्विक जनसंख्या में एक बड़ा हिस्सा है, उत्तर प्रदेश में भारत की कुल जनसंख्या का 16 प्रतिशत से अधिक निवास करता है। ज्यादातर मानकों पर लगातार प्रगति के बावजूद, स्वास्थ्य के मुद्दों पर राज्य के नेतृत्व और कार्यक्रम क्रियान्वयन से जुडे़ लोगों की चिंता बनी हुई है। विश्व जनसंख्या दिवस राज्य सरकार, हितकारकों और नागरिकों को एक साथ आने एवं यह संकल्प लेने के लिए एक अवसर था, कि स्वास्थ्य से संबंधित जागरूकता और गुणवत्तापरक सेवा में सतत् प्रोत्साहन व वृद्धि की जायेगी। यह सतत् पैरवी और अंतर-क्षेत्रीय गतिविधि के माध्यम से छोटे परिवार के महत्व की ओर जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए भी एक अच्छा अवसर था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्व जनसंख्या दिवस पर ''जिम्मेदारी निभाओ, प्लान बनाओ'' विषय के नारे के साथ अवसर का शुभारम्भ किया। प्रदेश सरकार ने आगे बढ़ते हुए विश्व जनसंख्या पखवाड़ा दिनांक 11 जुलाई 2016 से 24 जुलाई 2016 तक मनाने का फैसला किया। विश्व जनसंख्या पखवाड़ा रेडियो और टेलीविजन पर संदेश, सोशल मीडिया अभियान, कार्निवाल, रैलियाँ, नुक्कड़ नाटक, सामुदायिक बैठकों और घर-घर पारस्परिक संपर्क कर परिवार नियोजन के फायदे एवं उनके बेहतर चुनाव के बारे में जागरूकता के लिए समर्पित किया गया।
विश्व जनसंख्या पखवाड़ा मनाने में विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियों के आयोजन हेतु प्रदेश में बैठकों की श्रंखलाओं को आयोजित किया गया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और सिफ्सा द्वारा समन्वय करके सभी स्वास्थ्य भागीदारों को उनके राज्य स्तर, जिला स्तर एवं ब्लाक स्तर, जहां पर वे उपस्थित थे, कार्य आवंटित कर विशिष्ट भूमिकाओं को क्रियान्वित करने हेतु दिशा निर्देश दिये गये। विश्व जनसंख्या दिवस को राज्य स्तर पर मनाने के लिए एन.एच.एम., सिफ्सा, अन्य स्वास्थ्य पार्टनर्स और गैर सरकारी संगठनों (एन.जी.ओ.) के कार्यकत्र्ताओं द्वारा घर-घर सम्पर्क का कार्य किया गया एवं अभियान के दौरान लाभार्थियों को जुटाया गया एवं इस का उद्देश्य रखा गया कि उन सभी पात्र दंपत्तियों को छोटे परिवार के लाभ के बारे में जागरूक करना तथा ऐसे दम्पत्तियों को खोजना जो आधुनिक परिवार नियोजन सेवाओं से वंचित रह गये थे, परिवार नियोजन सेवाओं तक उनकी पहँुच बढ़ाने हेतु सहायता प्रदान करना।
विश्व जनसंख्या पखवाड़ा का प्रारम्भ एक संवाददाता सम्मेलन द्वारा किया गया जो श्री अरविंद कुमार, प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता तथा श्री आलोक कुमार, मिशन निदेशक, एन.एच.एम. और कार्यकारी निदेशक सिफ्सा की सहअध्यक्षता में दिनांक 8 जुलाई 2016 को सम्पन्न हुई। संवाददाता सम्मेलन में कुछ गणमान्य लोग भी सम्मिलित थे जिनमें श्री रिगजियान सैम्फल-अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक सिफ्सा, डा0 काजल, अतिरिक्त मिशन निदेशक, एन.एच.एम. और डा0 एम.आर. मलिक, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश थे। इस मल्टीमीडिया आधारित परिवार नियोजन कैम्पेन की केन्द्रीय थीम ''जिम्मेदारी निभाओ, योजना बनाओ'' तथा राज्य स्तर की थीम 'संयोग से नही, सहमति से बढ़ाएँ परिवार' को प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उ0प्र0 द्वारा घोषित किया गया। उन्होंने यह भी सूचित किया कि भारत सरकार परिवार नियोजन कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्य कर रही है, जैसे परिवार नियोजन के ''लोगो'' में संशोधन, नये परिवार नियोजन तरीकों जिसमें सेंनक्रोमान गोली, केवल प्रोजेस्टेरोन गोली (पी.ओ.पी.) और एक गर्भनिरोधक इंजेक्शन डी.एम.पी.ए. की शुरूआत की जा रही है। यह सभी प्रकार के परिवार नियोजन गर्भ निरोधक सार्वजनिक क्षेत्र की स्वास्थ्य इकाईयों पर उपलब्ध कराये जायेंगे। साथ ही साथ कण्डोम और गोली की पैकिंग को बदलकर ग्राहकों के लिए अधिक आकर्षक बनाया जा रहा है। सिफ्सा, एन.एच.एम., उत्तर प्रदेश सरकार तथा स्वास्थ्य की सहयोगी संस्थाओं के साथ प्रदेश में चल रही व शीघ्र आने वाली कई योजनाओं की भी घोषणा की गयी। प्रेस ब्रीफिंग के दौरान प्रमुख सचिव द्वारा यू-ट्यूब से सम्बद्ध सिफ्सा की साईट लांच की गयी जिसमें एक मिनट की छोटी फिल्में और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य संदेश अपलोड किए जा रहे हैं।
पखवाडे़ का मुख्य समारोह, सिफ्सा द्वारा, विश्व जनसंख्या दिवस पर एक विशाल रैली के रूप में आयोजित किया गया, जिसको माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने हरी झंडी दिखा कर अपने निवास स्थान से प्रातः रवाना किया। रैली में 200 मोटरसाइकिल और साइकिल चालक विश्व जनसंख्या दिवस के संदेशों को लेकर चले उनके पीछे हजारों स्कूली बच्चे, नर्सिग/पैरा मेडिकल के छात्र और विकासशील संस्थाओं के कार्यकत्र्ता तथा स्थानीय गैर सरकारी संगठनो के कार्यकत्र्ता तखतियाँ और बैनर जिनपर स्वास्थ्य संदेश लिखे थे, ले कर चल रहे थे। विश्व जनसंख्या दिवस की थीम ''जिम्मेदारी निभाओ, योजना बनाओ'' पर हस्ताक्षर अभियान का शुभारम्भ प्रदेश के मुख्य मंत्री माननीय श्री अखिलेश यादवजी और कन्नौज की सांसद श्रीमती डिंपल यादव ने जनता को प्रोत्साहित करने के लिए किया। शहर में कई स्थानों पर बड़े संदेश बोर्डो को जनता के हस्ताक्षर के लिए रखा गया था, जिनपर बड़ी संख्या में लोगों ने हस्ताक्षर किये। रैली के लिए रणनीति का निर्माण, स्थान, चयन के साथ होर्डिंग और बैनर, टोपियों, टी शटर्स, छाते और अन्य प्रचार सामग्री आदि का वितरण सिफ्सा और विकासशील संस्थाओं ने सुनिश्चित किया। प्रदेश के सभी जिलों में समारोहों का आयोजन रैलियों, कार्निवल, नुक्कड नाटक, आॅडियो-विजुअल शो, होर्डिग, बैनर के रूप मे किया गया।
पखवाडे़ के लम्बे समारोह के दौरान, प्रदेश के सभी विकास खण्डों पर स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया गया, जिसमें मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य और परिवार नियोजन विषयों को प्रदर्शित किया गया। जिला स्तर पर परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर निर्धारित दिन सेवा (एफ.डी.एस.)शिविरों की श्रंखला का आयोजन परिवार नियोजन सेवाओं की पहुँच एवं सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए किया जाना सुनिश्चित किया गया। इसके अलावा 'हौसला साझेदारी' कार्यक्रम के तहत राज्य भर में मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों को एफ.डी.एस. के तहत परिवार नियोजन के प्रतिवर्ती और स्थायी तरीकों को लाभार्थियों तक उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया गया। विकासशील संस्थायें जैसे- पी.एस.आई., एच.एल.एफ.पी.पी.टी., एम.एस.आई., पी.एस.एस., जननी आदि ने विश्व जनसंख्या दिवस के कार्यक्रमों को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। बी.एम.जी.एफ. (B.M.G.F.) की तकनीकी सहयोग यूनिट (टी.एस.यू.) ने प्रदेश के 25 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों के अछूते क्षेत्रों में सी.ओ.टी. (COT) की क्लीनिकल आउटरीच कैम्प की श्रंखला को एफ.डी.एस.(FDS) के तहत आयोजित करके सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुविधाओं को पहुँचाया। राज्य स्तर पर परिवार नियोजन के नए उपयोगकत्र्ताओं की प्रगति को दैनिक आधार पर अनुश्रवण किया गया।
उत्तर प्रदेश सरकार परिवार नियोजन और स्वास्थ्य से संबंन्धित शिकायतों के निवारण एवं स्वास्थ्य से संबंन्धित संदेशों के प्रचार-प्रसार हेतु एक समर्पित हेल्पलाइन न0 104 भी शुरू करने की प्रक्रिया में है। राज्य स्तर पर स्वास्थ्य पार्टनर्स फोरम की सफलता को देखते हुए, सिफ्सा द्वारा मंडल और जिला स्तर पर भी इसी प्रकार स्वास्थ्य पार्टनर्स फोरम की शरूआत क्रमशः संभागीय आयुक्त और जिलाधिकारी की अध्यक्षता में की जा चुकी है। जनपद स्तर पर स्वास्थ्य पार्टनर्स फोरम (एच.पी.एफ.) की बैठक तिमाही एवं मंडल स्तर पर छमाही आयोजित की जायेगी। ये मंच मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एक साझा प्रयास, अनुभवों से सीखना, अनुश्रवण तथा प्रगति की समीक्षा करने के लिए विकासशील सहयोगी संस्थाओं और सरकार के प्रतिनिधियों को एक अवसर प्रदान करते हैं।
परिवार नियोजन तकनीक में डाॅक्टरों और स्टाफ के प्रशिक्षण के लिए राज्य में क्षमता को बढ़ाने के लिए 10 हौसला प्रशिक्षण केन्द्रों (एच.टी.सी.) की स्थापना पूर्व में की गयी थी। इसी प्रयास के तहत, सिफ्सा द्वारा गुणवत्ता पूर्ण प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष राज्य के सभी मंडलों को आच्छादित करने वाले 35 एच.टी.सी. सक्रिय करने की योजना है।
परिवार नियोजन में पुरूष सहभागिता को प्रोत्साहित करने के लक्ष्य से प्रत्येक माह की 21 वीं तारीख को जिला अस्पतालों और मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर एन.एस.वी. दिवस मनाया जा रहा है। एन.एस.वी. तकनीक में डाॅक्टरों की टेªनिंग के लिए सिफ्सा ने चार मेडिकल काॅलेजों का पुर्नोत्थान कर सुदृढ़ीकरण किया है, जिसमें एन.एस.वी. के प्रशिक्षण के लिए नियमित सत्रों को संचालित किया जा रहा है।
सिफ्सा द्वारा एक और महत्वाकांक्षी परियोजना 'एम-सेहत' को पायलट के रूप में जनपद कन्नौज, बरेली, सीतापुर, फैज़ाबाद और मिर्जापुर में चलाया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत आशाओं और ए.एन.एम. को मोबाइल और टैबलेट कम्यूटर प्रदान किया गया है, जिसके माध्यम से ग्राम स्वास्थ्य सूचकांक के रजिस्टर का डिजिटलीकरण किया जाना आरम्भ कर दिया गया है। अभी तक लगभग 1.2 करोड़ से अधिक आबादी को आच्छादित कर उनके रिकाॅर्ड को, वास्तविक समय में डिजिटलाइज्ड़ किया जा चुका है। इसी तरह, एन.एच.एम. की विभिन्न योजनाओं का संवर्धन उन दूरदराज के पहुंच से दूर ग्रामों में 'सेहत संदेशवाहिनी' के माध्यम से 6000 से अधिक ग्रामों में किया जा रहा है।
सिफ्सा ने एफ.पी. 2020 के लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए राज्य में दो नये प्रयास शुरू किये हैं। 'हौसला अपनाने का' शीर्षक से परियोजना, प्रत्येक मण्डल मुख्यालय के जनपद में 5000 से अधिक आबादी वाली मलिन बस्तियों में आरम्भ की जानी प्रस्तावित है, जिनमें शहरी आशा एवं आई.ई.सी. वैन के माध्यम से परिवार नियोजन को बढ़ावा देने की शुरूआत की जानी है। जबकि दूसरी परियोजना 'संयोग से नही सहमति से बढ़ाएंे परिवार' शीर्षक (संयोग से नही पसंद से बच्चा) के अन्तर्गत किशोरियों को शिक्षित करना प्रस्तावित है, जिनमें प्रत्येक जनपद में 10 माध्यमिक विद्यालयों को आच्छादित कर, किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता, पोषण पर जोर देने के साथ ही सही उम्र में शादी और शादी के बाद पहला बच्चा देरी से होने के लिए प्रेरित किया जाना प्रस्तावित है।
सिफ्सा की एक और परियोजना 'हौसला साझेदारी' में चुनिंदा विकासशील सहयोगियों की महत्वपूर्ण भागीदारी है। निजी क्षेत्र के भागीदारों को प्रोत्साहित करके परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए एक वेब आधारित आॅनलाइन प्रणाली के माध्यम से निजी क्षेत्र के अस्पतालों को मान्यता देने और निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को प्रोत्साहित कर सर्जनों को भी इम्पैनेल कर गुणवत्तापरक परिवार नियोजन सेवाओं को प्रदान करने के लिए राज्य में प्रोत्साहित किया जा रहा है। हौसला साझेदारी परियोजना अपने प्रथम चरण में ही सफलता का संकेत दे रही है, इसके अन्तर्गत अभी तक करीब 29000 से अधिक नसबंदी निजी क्षेत्र के मान्यता प्राप्त अस्पतालों द्वारा करायी गयी है।
विश्व जनसंख्या दिवस पखवाड़ा समारोह में, उत्तर प्रदेश सरकार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, सिफ्सा और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के विकासशील सहयोगी संस्थाओं के मध्य एक अदभुत सहभागिता परिलक्षित हुई है। निसन्देह विश्व जनसंख्या दिवस पखवाडे़ के प्रभाव से लोगों का छोटे परिवार के प्रति जो उत्साह और ध्यान उत्पन्न हुआ है, वह प्रदेश में परिवार नियोजन सेवाओं की स्वीकार्यता में निश्चित रूप से स्थायी प्रभाव छोड़ेगा।