स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एच.एम.आई.एस.) और मदर एंड चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम (एम.सी.टी.एस.) प्रशिक्षण, संरचित कर सिफ्सा द्वारा एक कैस्केड माॅडल के रूप में बनाया गया है, जो व्यवस्थित कैप्चरिंग, मिलान और डेटा की समीक्षा करने और प्रदेश स्तर पर कार्यक्रम प्रबंधन हेतु वांछित जानकारी की समीक्षा और डाटा आधारित निर्णय लेने में अहम भूमिका अदा करेगा।
साक्ष्य आधारित कार्यक्रम प्रबंधन जरूरत पर प्रबंधकीय और संगठनात्मक प्रथाओं के अच्छे उपलब्ध वास्तविक समय डाटा को क्षेत्र से सूचित करता है। स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एच.एम.आई.एस.) और मदर एंड चाइल्ड ट्रेैकिंग सिस्टम (एम.सी.टी.एस.) प्रमुख द्वार है जो संबंधित विभिन्न मापदंडों को आच्छादित करने वाला डोमेन है। ये विभिन्न स्तरों पर प्रमुख मूल्याँकन, प्रबंधन और क्रियान्वयन के लिए एक निगरानी उपकरण है। डेटा आधारित कार्यक्रम प्रबंधन के महत्व को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी है कि स्वास्थ्य प्रणाली के उपयोगकर्ता प्रत्येक स्तर पर व्यवस्थित समीक्षा और सुधार के माध्यम से सबसे अच्छा उपयोग इन उपकरणों से दिन प्रतिदिन इस्तेमाल मे कुशलता प्राप्त किया जाये।
एम.सी.टी.एस. एक नाम- आधारित ट्रेैकिंग प्रणाली है, जिसमें गर्भवती महिलाओं के ए.एन.सी. तथा बच्चों का टीकाकरण के साथ सलाह को ए.एन.एम. तथा आशा हेतु ट्रैक किया जा सकता है। यह सुनिश्चित करने हेतु कि सभी गर्भवती महिलाओं को अपने प्रसव पूर्व (ए.एन.सी.) देखभाल की जांच और प्रसवोत्तर देखभाल (पी.एन.सी.) प्राप्त हुआ तथा अन्त में सभी बच्चों को पूर्ण टीकाकरण हो गया। एम.सी.टी.एस. एक मामला विशेष निगरानी प्रणाली है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाये कि गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को उनको पूरी सेवाएं प्रदान की जाय ताकि मातृ एव शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। पंजीकरण के समय, हर गर्भवती महिला और नवजात शिशु को 18 अंकों की एक अद्वितीय पहचान संख्या दी जाती है। वे अपने आईडी नम्बर का उपयोग करके एम.सी.टी.एस. के तहत सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं और तदनासुसार रिकाॅर्ड एम.सी.टी.एस. वेब पोर्टल पर अपडेट कर दिया जायेगा।
चूकि एच.एम.आई.एस. और एम.सी.टी.एस. की जानकारी राज्य में वाछित स्तर पर नही थी, सुप्रशिक्षित स्टाफ की जरूरत, जो डेटा का संग्रह, स्वरूपों, विभिन्न प्रारूपों और गुणवत्ता पूर्ण जानकारी एकत्रित करने की प्रक्रियाओं में अच्छी तरह से अभ्यस्त हो, समय की मांग थी। एच.एम.आई.एस. और एम.सी.टी.एस. द्वारा सुविधा केन्द्रों के अनुसार डेटा संग्रहण, मिलान और जानकारी अपलोड की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सर्वाेच्च सुविधा है। विभिन्न स्तर पर विभिन्न उपयोगकर्ताओं की आवश्यकताओं तथा विभिन्न टूल्स के कुशल उपयोग के उद्देश्य को पूरा करने के लिए नियमित अंतराल पर प्रासंगिक एवं अच्छी तरह से संरचित प्रशिक्षण राज्य, जिला और ब्लाॅक स्तर पर विभिन्न उपयोगकर्ताओं की आवश्यकताओं के अनुसार आयोजित करने की आवश्यकता उभर कर सामने आयी।
सिफ्सा जो उत्तर प्रदेश सरकार की एक राज्य तकनीकी सहायता यूनिट है, जिसने उत्तर प्रदेश के पूरे राज्य में सफलतापूर्वक, सुविधा आधारित एच.एम.आई.एस. और एम.सी.टी.एस. संबंधित प्रशिक्षण का आयोजन एवं राज्य में इनकी समीक्षाएं करायी। सिफ्सा ने प्रशिक्षण का एक कैस्केड माॅडल तैयार किया जिसमें प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टी.ओ.टी.) द्वारा प्रशिक्षकों के कौशल को बढ़ा कर एक प्रशिक्षको के एक दल को तैयार किया गया, इन प्रशिक्षित दल के माध्यम से जिला स्तर पर अन्य प्रशिक्षित दलों का निर्माण किया गया। जो जिला स्तर पर प्रशिक्षित किये गये थे उन्हें ब्लाक स्तर पर स्वास्थ्य इकाई और फील्ड स्टाफ को प्रशिक्षण देने का दायित्व सौंपा गया जिससे एम.सी.टी.एस. और एच.एम.आई.एस. के तहत जानकारी संग्रह करने एवं प्रवाह को सुगम बनाया गया।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से वित्तीय सहायता के साथ तकनीकी सहायता यूनिट (टी.एस.यू.) के साथ-साथ सिफ्सा ने संयुक्त रूप से राज्य में चिन्हित 25 उच्च प्राथमिकता वाले जनपदों (एच.पी.डी.) में एम.सी.टी.एस. और एच.एम.आई.एस. से सम्बन्धित प्रशिक्षण सफलता पूर्वक चलाया जबकि शेष 50 जनपदों में इस गतिविधि को सिफ्सा द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में इस गतिविधि के लिए सभी प्रमुख भागीदारों के साथ चर्चा करके सिफ्सा एक वार्षिक कैलेंडर योजना बनाता है।
सिफ्सा ने एक समर्पित और संरचित दृष्टिकोण के साथ सभी स्वास्थ्य अधिकारियों एवं विभिन्न संवर्गो में जागरूकता एवं अपनेपन के तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम को बनाया। आयोजित प्रशिक्षण की प्रगति नीचे दी गयी तालिका से स्पष्ट हैः
तालिकाः- उत्तर प्रदेश में एच.एम.आई.एस. और एम.सी.टी.एस. में प्रशिक्षित स्वास्थ्य अधिकारी एव कर्मचारियों की प्रशिक्षण की प्रगति।क्रम संख्या | प्रशिक्षण का नाम | स्वाीकृति का वर्ष | प्रशिक्षण अवधि | अनुमानित प्रशिक्षार्थियों की संख्या | वास्तविक प्रशिक्षितों की संख्या | उपलब्धि प्रतिशत |
01 | राज्य स्तर | 2014-15 | 03 दिवस | 885 | 823 | 92.99% |
02 | राज्य स्तर | 2015-16 | 03 दिवस | 385 | 310 | 80.52% |
03 | जनपद स्तर | 2014.15 एवं 2015.16 | 03 दिवस | 8060 | 6376 | 79.11% |
04 | विकास खण्ड स्तर | 2014-15 एवं 2015-16 | 01 दिवस | 290474 | 86631 | 29.82% |
उपरोक्त तालिका से स्पष्ट है कि सिफ्सा ने 867 से अधिक बैचों में लगभग 94,140 प्रतिनिधि जो सभी डिवीजनों, जिलों और ब्लाॅकों का प्रतिनिधित्व करने वालों को प्रशिक्षण एवं सह समीक्षा सत्र मे एम.सी.टी.एस. एवं एच.एम.आई.एस. पर प्रशिक्षण दिसम्बर 2014-15 तक सफलतापूर्वक आयोजना कराया। सिफ्सा द्वारा दिसम्बर 2014 से दिसम्बर 2015 अवधि में आयोजित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय समीक्षा एवं टी.ओ.टी. का छः बैचों में आयोजन किया गया जिसमें 823 मडल स्तर के स्वास्थ्य अधिकारियो ने भाग लिया। इन प्रतिभागियों को राज्य से मास्टर प्रशिक्षकों के साथ-साथ आगे आयोजित होने वाली जिला स्तरीय समीक्षा एवं टी.ओ.टी. प्रशिक्षण हेतु सभी 75 जनपदों में प्रतिनिधित्व कर जनपद स्तर के 5075 अधिकारियों को प्रशिक्षित करने का काम सौंपा गया। इसी तरह, 39,555 प्रतिभागी मई 2016 तक ब्लाॅक स्तर पर प्रशिक्षित किये गये। औसतन, सिफ्सा द्वारा प्रत्येक जनपद में 1255 अधिकारियों एवं स्टाफ का प्रशिक्षण किया जाना सुनिश्चित किया गया है। प्रशिक्षण के इस व्यापक माॅडल में भाग लेने वालों प्रतिभागी निम्नलिखित प्रकार थे- मंडलीय परियोजना प्रबन्धक, मंडलीय लेखा प्रबंधक, संभागीय ए.आर.ओ.- ए.डी. कार्यालय, जिला टीकाकरण अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला डाटा प्रबंधक(डी.डी.एम.), जिला ए.आर.ओ., डी.एच.ई.आई.ओ., जिला एच.एम.आई.एस. आॅपरेटर, सी.एम.ओ और अतिरिक्त सी.एस.ओ. (आर.सी.एच.) सम्बन्धित जिलों के, कम्प्यूटर आॅपरेटर (आर.आई.) ब्लाॅक कार्यक्रम प्रबंधक, एच.एम.आई.एस.-एम.सी.टी.एस. आॅपरेटर (सभी ब्लाकों), सभी ब्लाॅक स्तर चिकित्साधिकारी, प्रभारी चिकित्साअधिकारी, प्रतिरक्षण अधिकारी, एच.ई.ओ./ए.आर.ओ., ए.एन.एम./एल.एच.वी. आदि।
सिफ्सा द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में दो अर्ध-वार्षिक राज्य स्तरीय प्रशिक्षण, तीन जिला स्तरीय प्रशिक्षण सभी 18 मंडलीय मुख्यालय पर तथा 12 ब्लाॅक स्तर के प्रशिक्षण मासिक आधार पर सभी 75 जनपदों कराये जाने की योजना बनाई है।
एच.एम.आई.एस. और एम.सी.टी.एस. प्रशिक्षण द्वारा राज्यव्यापी अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग की ओर से कर्मचारियों द्वारा व्यवस्थित कैप्चरिंग, मिलान और डेटा की समीक्षा और कार्यक्रम प्रबंधन और डेटा के आधार पर निर्णय लेने के लिए वांछित जानकारी की एक संस्कृति पैदा करने में एक लंबा रास्ता तय करना होगा।